
पता नहीं टीम इंडिया इंग्लैंड खेलने गई थी या हनीमून मनाने। लीड्स में पहली ही “डेट” पर 5 विकेट से हार का तोहफा देकर लौटी है। मेज़बान इंग्लैंड ने टेस्ट सीरीज़ में 1-0 की बढ़त ले ली है और भारत को सोचने का भरपूर टाइम दे दिया है – क्यूंकि दूसरा टेस्ट है 2 जुलाई से। आइए, करें हार की पांच तड़केदार वजहों का पोस्टमॉर्टम।
‘इमरजेंसी’ याद है, क्योंकि ये ‘डिलीट’ नहीं, ‘सेव’ हो चुकी है!
1. पुछल्ले बल्लेबाज या साइलेंट मोड वाले स्टैच्यू?
शीर्ष 5 बल्लेबाजों ने मिलकर 721 रन बना डाले, लेकिन जब बारी आई निचले क्रम की, तो उन्होंने कुल 65 रन जोड़कर “झटपट निपटाओ योजना” पर अमल किया।
520+ का सपना पल में टूट गया और भारतीय पारी 471 पर सिमट गई। दूसरी पारी में तो जैसे सबने हाथ जोड़ लिए – “हमें छोड़ दो प्रभु।”
2. फील्डिंग नहीं, कैच ड्रॉप प्रतियोगिता!
यशस्वी जायसवाल ने अकेले चार कैच गिराकर “कैच छोड़ो प्रतियोगिता” में गोल्ड मेडल जीत लिया। सिराज की गेंद पर डकेट का गिरा कैच मैच का टर्निंग पॉइंट बन गया। पंत, जडेजा – सबने बारी-बारी हाथ दिखाए। गावस्कर और सिद्धू ने सीधे “निचले दर्जे की फील्डिंग” करार दे डाला।
3. बुमराह ही बचे थे, वो भी शांत रहे
पहली पारी में बुमराह ने पांच विकेट झटके और लग रहा था कि बस अब लीड्स हमारा। दूसरी पारी में बुमराह विकेटविहीन रहे और बाकी गेंदबाजों का हाल ऐसा जैसे बारिश में भीगे बर्फ के गोले – सब फिसले, सब पिघले।
4. करुण-सुदर्शन: मौके मिले, मज़े नहीं लिए
करुण आठ साल बाद लौटे थे, लेकिन बल्ला भूल आए लगते हैं। पहली पारी में जीरो, दूसरी में 20 रन। सुदर्शन को भेजा गया था तीन नंबर पर, लेकिन वहां रन बनाने की बजाय रिटायरमेंट की प्रैक्टिस हो रही थी – 0 और 30 रन बनाए। इंटरनेशनल क्रिकेट का वज़न अब समझ आ गया होगा।
5. छठे गेंदबाज की कमी: टीम इंडिया 5G युग में भी 2G स्पीड
इंग्लैंड के पास हर खिलाड़ी “ऑलराउंडर + पार्ट-टाइम बॉलर” पैकेज में मिलता है। टीम इंडिया सिर्फ बुमराह पर टिकी रही। जब वो नहीं चले, तो शार्दुल और प्रसिद्ध जैसे गेंदबाजों ने इकोनॉमी रेट को शेयर मार्केट बना दिया – ऊंचा और डरावना।
अब आगे क्या?
दूसरा टेस्ट दो जुलाई से बर्मिंघम में है। टीम इंडिया के पास एक हफ्ता है – आत्ममंथन, आत्मग्लानि और रणनीति बदलने का। उम्मीद है कि अगली बार टीम इंडिया खेलने जाएगी – पिकनिक मनाने नहीं।